Yearly Hindi Horoscope Kumbha 2016
कुम्भ राशि
ग्रह स्थिति: वर्ष प्रारंभ में सूर्य एकादश भाब, मे चन्द्र व राहू अष्टम भाब मे, मंगल नबम भाव में, बुध द्वादश भाब मे, गुरु सप्तम भाब मे, शुक्र शनि दशम भाब मे, केतू द्वितीय स्थान में स्थित हैं ।
इस वर्ष शनि महाराज आपकी राशि से दशम भाव में चलायमान है। स्वास्थ्य में गिराबट के संकेत हैं। हात में आता- आता रुपया रुक जाएगा। चारों तरफ से वर्ष आपको सलाह दूंगा। आपका शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य मध्यम रहेगा तथा आपके सांसरिक महत्व के शुभ कार्य भी उत्साह एवं परिश्रम से ही सम्पन्न होंगे। जीवनसाथी का स्वास्थ्य इस वर्ष अछा रहेगा। फलतः दाम्पत्य सुख में बढ़ोतरी रहेगी तथा सम्बोन्धों में अछा रहेगा। आर्थिक दृष्टि से भी समय सामान्य रहेगा तथा धन एवं लाभार्जन आबश्यकता के अनुसार ही रहेगा तथा संतुष्टि अल्प ही रहेगी। आय स्त्रोतों की बृद्धि में भी समस्या उत्पन्न होंगी। इस समय कार्य क्षेत्र में भी आप परिश्रम एवं पाराक्रम से ही न्यूनाधिक सफलता अर्जित कर सकते हैं।
शुभ एवं महत्वपूर्ण कार्यों में आपको व्यवधानों का सामना करना पड़ेगा। अतः इसके लिए आपको शनि का नियमित पूजन तथा दान करना चाहीए एवं शरीर की बाएँ हात की मध्यमा अंगुली में लोहे की अंगूठी धारण करनि चाहिए। उससे अशुभ प्रभाव कम होगे एवं शुभ प्रभावों में बृद्धि होगी।
कुम्भ राशी के जातक परिश्रमी व मेहनती होते हैं। अपना भाग्य व भबीष्य खुद बनाते हैं। अतः आप भी जिस काम के पीछे हाथ धोकर पड जाएंगे फिर उसे पूरा करके ही दम लेंगे। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। कुछ मामलों में धैर्य व उत्साह से काम लें।
बृहस्पति का इस वर्ष में सप्तम भाव में परिभ्रमण होगा। अतः इसके प्रभाव से आप दूर- समीप की यात्राएं करेंगे तथा इनसे आपको अधिक लाभ की प्राप्ति होगी। साहित्य एवं दर्शन के प्रति इस समय आपके मान में अध्ययन की रुचि तथा अविन नवीन मित्रों की भी प्राप्ति होगी जिनसे भविष्य में आपको लाभ एवं सहयोग की संभावना रहेगी। शारीरिक एवं मनासिक स्वास्थ्य की दृष्टि से भी वह वर्ष मध्यम रहेगा। तथा मानसिक संकीर्णता को छोड़कर आप विशाल हृदयता का प्रदर्शन करेंगे। फलतः समाज में भी मान- सम्मान में वृद्धि होगी। परंतु आय गोचरफल इस समय अच्छा रहेगा। अतः उपर्युक्त शुभ फलों में आपको बढ़ोतरी दृष्टिगोचर होगी परंतु अतिरिक्त परिश्रम एवं संघर्ष से आप शुभ फल अर्जित कर सकेंगे। शुभ एवं महत्वपूर्ण कार्यों को सफल करने में आप समर्थ रहेंगे। व्यापारिक तथा कार्यक्षेत्र में इस समय आप उन्नति एवं सफलता प्राप्त करेंगे तथा अन्यत्र भी लाभ मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी या राजनीति के क्षेत्र में आपकी पदोन्नति की सम्भावना रहेगी, समाज में आपका प्रभाव रहेगा। इस समय राजनैतिक महत्व के व्यक्तियों से भी आपके संपर्क बनेंगे तथा भवीष्य में उनसे लाभ तथा सहयोग प्राप्त करेंगे। आर्थिक स्थिति भी इस वर्ष अच्छी रहेगा। यदा- कदा वे शारीरिक तथा मानसिक कष्ट की अनुभूति करेंगे। वाहन सुख में भी इस वर्ष अल्पता रहेगी। इस समय आय गोचरफल आपके लिए शुभ रहेंगे परंतु दशा अनुकूल फल प्रदान करेगी। अतः आप अधिकांशतः शुभ फल ही प्राप्त करेंगे।
शारीरिक सुख एंव स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में उतार-चढाप का दौर रहेगा। पुर्बार्ध तो ठीक रहेगा लेकिन अगस्त के वाद गुरु अष्टम भाव में आकर जीवन में वाधाएं व अस्वस्थता लेकर आएगा। पेट से संबन्धित कोई बीमारी हो सकती है। रक्त विकार, पेट के रोग आदि से परेशानी संभव है। पक्ष्याघात, उंच निम्न रक्तचाप व हार्ट को लेकर परेशान रहेंगे। नवम्बर व दिसम्बर में स्वास्थ्य में सुधार होगा। नवम्बर तक स्वास्थ्य को लेकर समस्या बनी रहेगी। कभी उतार तो कभी चढ़ाव रहेगा। अगस्त से राहू-केतू के प्रभाव से कुछ गुप्त रोग या कमर के नीचे के रोग उजागर हो सकते हैं। नेत्र की भी परेशानी रहेगी। अप्रैल से अगस्त का समय शल्य चिकित्शा के लिए उपयुक्त है। रोग निवृति लाकेट गले में धारण करें। शनिवार को अपने ऊपर से सरसों ७ वार घुमाकर दक्षीण दिशा में डाल दें, रोगों से निवृति मिल जाएगी।
व्यवसाय व धन: यह समय आर्थिक रूप से मिश्रित फल प्रदान करने वाला रहेगा। फरवरी से लगाकर अप्रैल के मध्य कोई महत्वपूर्ण आर्थिक डील आप कर सकते हैं। इस समय भूमि जायदाद व सम्पदा में बृद्धि का संकेत मिल रहा है। यदि कोई ऋण भी है, तो वह इस समयावधि में त्वरितता से उतेरेगा। व्यबसायिक प्रतिद्दन्दी व प्रतिस्पर्धों तो आपके सम्मुख टिक भी नेही पाएंगे। मानसिक शांति भी अनुभव करेंगे। व्यापार में एक खास बात इस वक्त ओर ध्यान रखें। मैनेजर व कर्मचारी कोई घोटाला या घपला कर सकते हैं, अतः अत्याधिक विश्वास उन पर नेहीं करें। वर्ष के मध्य में आप कोई चल संपति यथा गाड़ी, सोना आदि खरीद सकते हैं। कारोवार में आप कोई दूसरा काम भी अगस्त के बीच खोल सकते हैं। इस काम को भी नई तकनीक, नए रूप रंग में भरकर आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। व्यवसाय स्थल की तिजोरी में सम्पूर्ण कूबेर यंत्र व श्रीयंत्र स्थापित करें व एक जलपात्र भी व्यापार स्थल में रोजाना शुद्ध जल से भरकर रखें।
घर-परिवार, संतान व रिस्तेदार: घर- परिवार का वातावरण इस वर्ष, कदम अनुकूल रहेगा। केवल संतान को लेकर यदा- कदा चिंता रहगी। दाम्पत्य सम्बन्धों में मधुरता का वातावरण रहेगा। पार्टनर हर दुःख व सुख की घड़ी में आपका साथ देगी। यदा-कदा विचारों में थोड़ा सा अंतर व तनाव रहेगा। संतान की पढ़ाई, अध्ययन परीक्षा परिणाम को लेकर मन में चींन्ता व असमंजस की स्थिति रहेगी। विषय का चयन, कॉलेज का चयन कुल मिलाकर विद्दाध्यायन संबन्धित चिंता में आपको घेरेगा।
पढ़ाई व कैरियर: कैरियर में इस वर्ष आपको नई- नई जाँब ऑपर्चुनिटी व प्राप्त होंगे। आप अपने पसंद की कंपनी में काम कर पाएंगे। कुल मिलाकर जाँब संतुष्टि जरूर रहेगी, वहीं पढ़ाई में विषय व कॉलेज के चयन को लेकर अव्वल तो असमंजस की स्थिति रहेगी। विद्दार्थी पढ़ाई में मन कम ही लाग पाएंगे। मेहनत व परिश्रम के अनुरूप परीक्षा परिणाम भी नहीं आएगा। विभागीय परीक्षा में जरूर आपको सफलता इस वर्ष मिल सकती है।
प्रेम- प्रसंग व मित्र: इस वर्ष पार्टनर से प्रेम व सहयोग आपकी खूब प्राप्त होगा। यदि आप अविवाहित हैं तो मई से जुलाई के मध्य प्रेम व रोमांस के अवसर इस वर्ष प्राप्त होंगे। नवेम्बर – दिसम्बर में प्रेमिका से विवाह की सम्भावना है परंतु या विवाह सामाजिक स्तर पर मान्य नेहीं हो पाएंगा। धीरे- धीरे समाज व परिवार उस विवाह को स्वीकार लेगा। प्रेम मैं समर्पण की भावना आपने में कूट–कूट कर भरी हुई है। मित्रों से भी सहयोग प्राप्त होगा।
वाहन, खर्च व शुभ कार्य: इस वर्ष के मध्य में कोई नया वाहन खरीदने के योग बन रहे हैं तथा उस पर खर्चा भी होगा। वाहन साबधानीपूर्वक चलाएं। अगर वाहन पुराना है, तो निश्चित रूप से वर्ष के मध्य में वाहन पर आपको खर्चा भी करना पड सकता है। संतान की विद्दा व सिक्षा पर भी वर्ष आप मोटी राशि खर्च करने वाले हैं।
हानी, कर्ज़ व अनहोनी: हानी और लब व्यापार के दो पहलू हैं । अगस्त तक व्यापार में आर्थिक रूप से तनावपूर्ण स्थिति रहेगी। हानी जैसी कोई बात नजर नहीं आ रही है, वही २०१६ राहत के भी पूर्ण रूप से संकेत मिल रहे हैं।
यात्राएं: इस वर्ष व्यापार में विस्तार को लेकर जुलाई- अगस्त में आप कुछ यात्राएं करेंगे, जिनका काफी महत्व रहेगा। वही मई- जून से परिवार के साथ किसी धार्मिक या तीर्थस्थान की यात्रा का प्रोग्राम बनाएंवे।
उपाय: वर्ष के अधिकाधिक शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए शनि यंत्रकबच गले में धरण करें। काले घोड़े की नाल की कील की शनिमुद्रिका अंगूठी बनाकर मध्यमा अंगुली की अभिमंत्रित कर धारण करें। चीटियों को भोजन करवाएँ। दशरथकृत शनि स्त्रोत्र का रोजाना पाठ करें। शनिवार का व्रत करें। कौवा को रोजाना खाना व रोटी दें। शनिवार के दिन पीपल के बृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएं।